
छत्तीसगढ़: सामान्य परिचय एवं इतिहास (अध्यायवार नोट्स)
1. राज्य का गठन और परिचय
- गठन: 1 नवंबर 2000 (भारतीय संघ का 26वां राज्य)।
- मातृ राज्य: मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भाग को अलग करके बनाया गया)।
- क्षेत्रफल: लगभग 1,35,191 वर्ग कि.मी.।
- राजधानी: रायपुर (नवा रायपुर/अटल नगर)।
- उपनाम: इसे ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है क्योंकि यहाँ का मैदानी इलाका तश्तरी (Plate) जैसा है और धान की उपज ज्यादा होती है।
वर्तमान अपडेट (Current Data):
- वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 33 जिले हैं।
- राज्य में 5 संभाग (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर, सरगुजा) हैं।
2. ऐतिहासिक नामकरण (प्राचीन काल)
छत्तीसगढ़ को प्राचीन समय में अलग-अलग नामों से जाना जाता था:
- वैदिक/पौराणिक काल: इसे ‘दक्षिण कोसल’ कहा जाता था।
- बस्तर का क्षेत्र: रामायण और महाभारत काल में बस्तर वाले हिस्से को ‘दंडकारण्य’ या ‘महाकांतार’ कहा जाता था।
- रामायण काल की कहानी:
- भगवान राम ने उत्तर कोसल का राज्य अपने बेटे ‘लव’ को और दक्षिण कोसल का राज्य बेटे ‘कुश’ को दिया था।
- वाल्मीकि आश्रम: यह ‘तुरतुरिया’ में स्थित था, जहाँ लव-कुश का जन्म हुआ। (किताब में इसे रायपुर लिखा है, लेकिन वर्तमान में यह बलौदाबाजार जिले में है)।
- माता कौशल्या: दक्षिण कोसल के राजा भानुमंत की बेटी थीं। इनका जन्म स्थान चंदखुरी (रायपुर) है।
3. ‘छत्तीसगढ़’ नाम कैसे पड़ा? (नामकरण के सिद्धांत)
इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ क्यों पड़ा, इसके दो मुख्य मत हैं:
पहला मत: चेदि वंश (इतिहासकार हीरालाल के अनुसार)
- प्राचीन काल में यहाँ कलचुरि राजाओं का शासन था जो ‘चेदि वंश’ के थे।
- इसलिए इसे ‘चेदिसगढ़’ कहा गया, जो बाद में बिगड़कर ‘छत्तीसगढ़’ बन गया।
- (नोट: भाषा वैज्ञानिक इसे सही नहीं मानते)।
दूसरा मत: 36 किलों (गढ़ों) का सिद्धांत (सर्वाधिक मान्य)
- पुराने समय में यह राज्य शिवनाथ नदी द्वारा दो भागों में बंटा था।
- रतनपुर राज्य (उत्तर): 18 गढ़।
- रायपुर राज्य (दक्षिण): 18 गढ़।
- कुल मिलाकर 18 + 18 = 36 गढ़ थे, इसलिए इसका नाम ‘छत्तीसगढ़’ पड़ा।
साहित्य में ‘छत्तीसगढ़’ शब्द का पहला प्रयोग:
यह परीक्षा में बार-बार पूछा जाता है:
- खैरागढ़ के कवि दलराम राव (1487 ई.): इन्होंने अपनी कविता में सबसे पहले इस शब्द का प्रयोग किया। (“गढ़ छत्तीस में न गढैया रही…”)
- कवि गोपाल मिश्र: इन्होंने अपनी रचना ‘खूब तमाशा’ में छत्तीसगढ़ शब्द का प्रयोग किया।
4. भौगोलिक स्थिति (नदियाँ और पर्वत)
- आकार: नक्शे पर छत्तीसगढ़ समुद्री घोड़े (Seahorse) जैसा दिखता है।
- महानदी: यह छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा है। प्राचीन ग्रंथों में इसका नाम ‘चित्रोत्पला’ मिलता है।
- प्रमुख पर्वत:
- मैनपाट (सरगुजा): इसे ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहते हैं।
- रामगढ़ (सरगुजा): यहाँ प्राचीन गुफाएं हैं।
- बैलाडीला (बस्तर): यह पहाड़ी ‘बैल के कूबड़’ जैसी दिखती है, यहाँ उत्तम किस्म का लोहा मिलता है।
5. 36 गढ़ों की सूची (याद रखने के लिए)
शिवनाथ नदी इन गढ़ों को उत्तर और दक्षिण में बांटती थी:
| रतनपुर राज्य (उत्तर के 18 गढ़) | रायपुर राज्य (दक्षिण के 18 गढ़) |
| 1. रतनपुर | 1. रायपुर |
| 2. मारो | 2. पाटन |
| 3. विजयपुर | 3. सिमगा |
| 4. खरौद | 4. सिंगापुर |
| 5. कोटगढ़ | 5. लवन |
| 6. नवागढ़ | 6. अमीरा |
| 7. सोन्ढी | 7. दुर्ग |
| 8. ओखर | 8. सारधा |
| 9. पंडरभठा | 9. सिरसा |
| 10. सेमरिया | 10. मोहदी |
| 11. मदनपुर (चांपा) | 11. खल्लारी |
| 12. कोसगई (छुरी) | 12. सिरपुर |
| 13. लाफा | 13. फिंगेश्वर |
| 14. केंदा | 14. राजिम |
| 15. मातिन | 15. सिंगारगढ़ |
| 16. उपरोड़ा | 16. सुअरमाल |
| 17. कंडरी (पेंडरा) | 17. टेंगनागढ़ |
| 18. करकट्टी | 18. अकलवाड़ा |
- रतनपुर के 18 गढ़ (उत्तर):रतनपुर, मारो, विजयपुर, खरौद, कोटगढ़, नवागढ़, सोन्ढी, ओखर, पंडरभठा, सेमरिया, मदनपुर (चांपा), लाफा, कोसगई (छुरी), केंदा, मातिन, उपरोड़ा, कंडरी (पेंडरा), करकट्टी।
- रायपुर के 18 गढ़ (दक्षिण):रायपुर, पाटन, सिमगा, सिंगापुर, लवन, अमीरा, दुर्ग, सारधा, सिरसा, मोहदी, खल्लारी, सिरपुर, फिंगेश्वर, राजिम, सिंगारगढ़, सुअरमाल, टेंगनागढ़, अकलवाड़ा।
6. प्राचीन इतिहास: मौर्य काल (शुरुआती इतिहास)
किताब के पृष्ठ 15 के अनुसार, छत्तीसगढ़ मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था। इसके सबूत निम्न हैं:
- सिक्के: अकलतरा, ठठारी और बार (रायगढ़) से मौर्यकालीन चांदी के आहत सिक्के मिले हैं।
- अशोक का लाट: सरगुजा जिले में मिला है।
- गुफा लेख (सबसे महत्वपूर्ण):
- सरगुजा की रामगढ़ पहाड़ी पर ‘जोगीमारा’ और ‘सीता बेंगरा’ गुफाएं हैं।
- सीता बेंगरा को विश्व की सबसे प्राचीन नाट्यशाला (Theatre) माना जाता है।
- जोगीमारा गुफा में एक देवदासी ‘सुतनुका’ और कलाकार ‘देवदीन’ की प्रेम कहानी पाली भाषा में लिखी गई है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु (Exam Facts):
- माता कौशल्या मंदिर: दुनिया का इकलौता माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी (रायपुर) में है।
- चित्रोत्पला: महानदी का ही पुराना नाम है।
- चेदिसगढ़: हीरालाल रायबहादुर ने यह सिद्धांत दिया था।
- दलराम राव: ‘छत्तीसगढ़’ शब्द का प्रयोग करने वाले पहले कवि।



